Vivo S1 Review: Hindi All in one Performance, quality etc.

Vivo S1 Review: Hindi All in one Performance, quality etc.

चीनी स्मार्टफोन मेकर Vivo ने भारत में अपना बजट सेग्मेंट का स्मार्टफोन Vivo S1 लॉन्च कर दिया है. इस स्मार्टफोन में दी गई बड़ी खासियतों की बात करें तो इसमें ट्रिपल रियर कैमरा के साथ अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है.
मैने हफ्ते भर इस स्मार्टफोन को यूज किया है और इस आधार पर हम लेकर आए हैं Vivo S1 का रिव्यू.
कीमत
फोन के तीन वेरिएंट हैं. Vivo S1 की शुरुआती कीमत 17,990 रुपये है. इस कीमत पर आपको 4GB रैम और 128GB इंटर्नल स्टोरेज वाला स्मार्टफोन मिलेगा. 6GB रैम और 128GB मेमोरी की कीमत 18,990 रुपये है, जबकि टॉप वेरिएंट 19,990 रुपये का है.

डिजाइन और बिल्ड क्वॉलिटी
सबसे पहले बात करेंगे इस स्मार्टफोन के डिजाइन और बिल्ड क्वॉलिटी की. ये स्मार्टफोन देखने में अलग लगता है, अच्छा भी लगता है. लेकिन ये यूज करने में, होल्ड करने में प्रीमियम नहीं लगता. वजह – इसकी बॉडी प्लास्टिक की है और और इसे यूज करने में ये फील होता है कि इसमें प्रीमियम मेटेरियल का यूज नहीं किया गया है. पैक पैनल काफी लोगों को पसंद आया, क्योंकि इसका डिजाइन अच्छा है. बिल्ड क्वॉलिटी के मामले में इसे ऐवरेज कह सकते हैं.
रियर पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप हैं और इसके नीचे सिंगल एलईडी फ्लैश है. सबसे नीचे वीवो का लोगो है. बॉटम में स्पीकर ग्रिल हैं और यूएसबी टाइप सी पोर्ट दिया गया है. दाईं तरफ आपको होम बटन के साथ वॉल्यूम रॉकर की मिलता है, जबकि लेफ्ट में एक बटन है जिससे गूगल असिस्टेंट एनेबल कर सकते हैं.
कैमरा बंप दिया गया है. फ्रंट की बात करें तो पूरी डिस्प्ले है और वॉटर ड्रॉप स्टाइल नॉच दिया गया है. बेजल्स कम हैं, लेकिन चिन दी गई है. रियर में कर्व्ड न होने की वजह से भी होल्ड करने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन कुछ समय में आपको इसकी आदत हो जाएगी.

डिस्प्ले
इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले ब्राइट और कलरफुल है. हालांकि डिस्प्ले में उतनी शार्पनेस नहीं है. लेकिन इस सेग्मेंट के हिसाब से इसे ठीक कहा जा सकता है. व्यूइंग एंगल भी सही है, लेकिन आउटडोर में सूरज की रौशनी जब हो तो स्क्रीन के टेक्स्ट पढ़ने में आपको थोड़ा स्ट्रगल करना होगा. अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर डिस्प्ले के निचले हिस्से में है और ये फास्ट है. वीवो ही वो कंपनी है जिसने पहली बार अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ मेनस्ट्रीम स्मार्टफोन लॉन्च किया था.
इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले 6.39 इंच की है और स्क्रीन टु बॉडी रेश्यो 83.3 का है. इसमें फुल एचडी प्लस डिस्प्ले है और ऑलवेज ऑन का सपोर्ट भी दिया गया है. डिस्प्ले के लिए सुपर AMOLED पैनल का यूज किया है जिसकी वजह से ये बेहतरीन लगता है और यूज करने में भी अच्छा है.
कुल मिला कर इसकी डिस्प्ले से हमें कोई परेशानी नहीं हुई और वीडियोज देखना हो या गेम खेलना, इसमें हमारा अच्छा अनुभव रहा है.

परफॉर्मेंस
अब आते हैं परफॉर्मेंस पर. Vivo S1 में हार्डवेयर डिपार्टमेंट में आपको MediaTek MT6786 Helio ऑक्टाकोर प्रोसेसर मिलता है. इसमें Mali G52 MC2 जीपीयू है. इस स्मार्टफोन में Android 9 Pie बेस्ड कंपनी का कस्टम UI दिया गया है जो Funtouch 9 है.
परफॉर्मेंस की बात करें तो ये फोन रेस्पॉन्सिव है, फास्ट है और स्मूद है. मिक्स्ड यूज मे कोई परेशानी नहीं है. हमने कई तरह के गेम खेले हैं. Asphalt से लेकर PUBG जैसे गेम्स चलाए हैं, इनमें कोई दिक्कते नहीं आती हैं. फोन लैन नहीं करता है, हां ज्यादा देर तक गेमिंग और ऐप्स यूज करने पर हमें फोन में लैग और हैंग की समस्या से दोचार होना पड़ा है.
इस स्मार्टफोन में दिया गया कस्टम यूजर इंटरफेस काफी लोगों को पसंद है जिनमें से एक मै नहीं हूं. स्मार्टफोन में ब्लॉटवेयर यानी पहले से इंस्टॉल्ड ऐप देने की बिमारी स्मार्टफोन्स की खत्म नहीं हो रही है. शायद ये कंपनियों के लिए किसी डील्स का हिस्सा हैं. डेली हंट, गाना, ऐमेजॉन, फोन पे, पेटीएम और ओपेरा से लेकर आधे दर्जन से ज्यादा ऐप्स इसमें पहले से ही दिए गए हैं जो मुझे पर्सनली कतई पसंद नहीं हैं.
वीवो को चाहिए कि यूजर्स के हित में इस तरह का काम न के. कम से कम प्री लोडेड ऐप्स रखने चाहिए.
बहरहाल बात करते हैं कि ऐप्स कैसे परफॉर्म करते हैं. ऐप्स चालने में कोई परेशानी नहीं है. एक ऐप से दूसरे ऐप्स में स्विच करने में भी कोई दिक्कत नहीं है. लोडिंग टाइम भी कम है. हालांकि ज्यादा बल्क में ऐप ओपन कर लेंगे, हेवी ऐप्स तो थोड़ी मुश्किल हो सकती है. मल्टी टास्किंग के लिए भी ये स्मार्टफोन बेहतर है, हालांकि कुछ समय, 2 घंटे गेमिंग करने के बाद ये फोन गर्म हुआ.
Vivo S1 का ओवरऑल परफॉर्मेंस ऐवरेज से ज्यादा कहा जा सकता है.

कैमरा
आज कल कैमरे की वजह से भी लोग स्मार्टफोन खरीदते हैं. इसलिए Vivo ने अपने इस S1 स्मार्टफोन में ट्रिपल रियर कैमरा दिया है. हालांकि सेल्फी के लिए इसमें एक ही कैमरा दिया गया है. कैमरा सेटअप की बात करें तो यहां एक लेंस आपको 16 मेगापिक्सल का मिलता है, जबकि दूसरा 8 मेगापिक्सल का तीसरा लेंस 2 मेगापिक्सल का जो डेप्थ सेंसर के तौर पर काम करेगा. इसमें आपको फेस डिटेक्शन ऑटोफोकस भी मिलता है. सेल्फी के लिए इस स्मार्टफोन में 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है जिससे आप फुल एचडी वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं.
डेलाइट में Vivo S1 का कैमरा बेहतरीन काम करता है. वाइड एंगल लेंस भी ठीक है. फोटो अच्छी क्लिक होती हैं. हालांकि आप इस कैमरे से ज्यादा डीटेल्स की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. फोकस मे कोई दिक्कत नहीं है आसानी से हो जाती है. हमें इस फोन से और बेहतर कैमरे की उम्मीद थी. डेप्थ सेंसर देना आज कल ट्रेंड है और डेप्थ सेंसर के बिना भी ऐसी तस्वीरें सॉफ्टवेयर के बदौलत की जा सकती हैं.
ऑफिस में कुछ फोटोज क्लिक की हैं जिसमें ग्रेन्स हैं. लाइटिंग ठीक नहीं है तो फोटोज को जूम करने पर ग्रेन्स दिखेंगे. अगर क्लिक की गई फोटो जूम नहीं कर रहे हैं तो बढ़िया है और आपको फोटो अच्छी भी लगेगी.
कुल मिला कर बात ये है कि इससे फोटो क्लिक करके आप इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और फेसबुक पर तस्वीरें शेयर करें – इस मामले में ये ठीक है. कैमरा इंटरफेस आसान है और यहां कई तरह के ऑप्शन्स मिलते हैं. वाइड एंगल पर आइकॉन पर टैप करके वाइड शॉट ले सकते हैं. बोके इफेक्ट का ऑप्शन है, टाइमर है.

कैमरे में वीडियो, AR स्टिकर्स और फन वीडियो का ऑप्शन है. फन वीडियो में कई तरह के इफेक्ट्स लगा कर वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जूड़े कई फीचर्स दिए गए हैं. अगर फोटॉग्रफी के ज्यादा शौकीन हैं तो आप प्रो मोड भी यूज कर सकते हैं.
सेल्फी कैमरा प्रभावित करता है. बिना किसी इफेक्ट्स के नॉर्मल सेल्फी अच्छी आती है. कलर्स अच्छे रहते हैं और कोई बनावटी फोटो भी नहीं लगती है. सेल्फी कैमरे से एचडीआर भी ठीक ठाक काम करता है और इसमें भी कोई दिक्कत नहीं है. इस फोन का सेल्फी कैमरा मुझे काफी पसंद आया, वो इसलिए किए तस्वीरें नैचुरल आती हैं.
कुल मिला कर इसका कैमरा भी ऐवरेज से अच्छा है. लेकिन इसे और बेहतर किया जा सकता था.
बैटरी
Vivo S1 में 4500mAh की बैटरी दी गई है. मैं कह सकता हूं कि इस फोन का बैटरी बैकअप काफी बढ़िया है. 18 W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी दिया गया है. बात करें दिन भर के बैकअप की तो मिक्स्ड यूज में ये एक नहीं, बल्कि 1.5 दिन का बैकअप देगा. नॉर्मल यूज में एक दिन भी चल जाएगा. हेवी यूसेज में शाम तक आपको चार्ज करने की जरूरत होगी.
आपको इससे अंदाजा हो गया होगा कि बैटरी बैकअप कैसी है. मिक्स्ड यूज का मतलब ये है कि फेसबुक, वॉट्सऐप, वीडियो, कैमरा, गेम, म्यूजिक और इंटरनेट सर्फिंग. ऐसा नहीं है कि आप लगातार पूरे दिन वीडियो ही देख लें. ये एक ऐवरेज है जो हमने आपको खुद के यूसेज के आधार पर बताया है.
Our Ratings:7.5/10

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